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हिन्दी Poetry

है हंसी झूठी मेरी

By Anuradha Rani नज़रों को बयां करने नहीं देतीहै दर्द का समुंदर पर बहने नहीं देतीकट रही है ज़िंदगीसांसे भी कर्ज़दार हैंग़़ुलाम हूं बस इंतज़ार …