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हिन्दी Poetry

आरंभ से अंत तक दस्ताने इश्क़

By Shalini Singh आधार लगते है कई, मज़बूत होने के लिए,एहसास है आधार एक, ये इश्क़ होने के लिए । महसूस करते है कहीं, इस …

हिन्दी Poetry Rights

कुछ अल्फ़ाज़ नारी पर

By Shalini Singh तुम्हें जिसने दुनिया में लाया है,आज ज़ात उसी की बदनाम करते हो,ख़ुद को एक मर्द कहकर तुम,आज एक नारी पे वार करते …