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हिन्दी Poetry

अपनों से उम्मीदें

By S. Aarfa Khalique अपनों से उम्मीदें करनी छोड़ दी है मैंने,क्योंकि ग़म से बेहतर मौक़ा हमारी ज़िन्दगी में नहीं आता,ऐसे वक़्त में अपनों की …