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Main likh Rahi hoon kirdaar koi
हिन्दी Poetry

मैं लिख रही हूंँ किरदार कोई

By Rekha Khanna मैं लिख रही हूंँ किरदार कोईशायद ज़िदा मिल‌ जाए कहींहर शख़्स मुर्दा है भीतर सेकिरदार में जान भरे कोई कैसेना ख़ुशी लिखी …

Do kinare - Rekha Khanna
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दो किनारे

हम नदी के दो किनारे थे। जो कभी नहीं मिल सकते थे पर ये नदी समय से पहले ही कुछ दूर तक साथ चल कर ही सूख गई और पीछे छोड़ गई अपने बहाव के चंद अध-मिटे निशान।