Posted onMarch 31, 2021August 29, 2022inहिन्दी, Poetry है हंसी झूठी मेरी By Anuradha Rani नज़रों को बयां करने नहीं देतीहै दर्द का समुंदर पर बहने नहीं देतीकट रही है ज़िंदगीसांसे भी […]
Posted onDecember 25, 2020August 29, 2022inहिन्दी, Poetry यादों की अलमारी By Rekha Khanna दिमाग़ की अलमारी में यादों की किताबें हैंकुछ पर जमी है गर्द और कुछ अभी झाड़ी हैं […]