
रचनाकार : रघुवीर सहाय तोड़ो रघुवीर सहाय तोड़ो तोड़ो तोड़ोये पत्थर ये चट्टानेंये झूठे बंधन टूटेंतो धरती को हम जानेंसुनते हैं […]
रचनाकार : रघुवीर सहाय तोड़ो रघुवीर सहाय तोड़ो तोड़ो तोड़ोये पत्थर ये चट्टानेंये झूठे बंधन टूटेंतो धरती को हम जानेंसुनते हैं […]
By Sachchidananda Hirananda Vatsyayan ‘Agyeya’ मैंने देखाएक बूँद सहसाउछली सागर के झाग सेरँगी गई क्षण भरढलते सूरज की आग से। […]
“…bol ye thoda waqt bahut hai
jism o zabaan ki maut se pahle
bol ki sach zinda hai ab tak
bol jo kuchh kehna hai keh le”
By Sohanlal Dwivedi Read English Transliteration लहरों से डर कर नौका पार नहीं होतीकोशिश करने वालों की हार नहीं होती […]
کبھی سوچا ہے تم نے کہ’
تماری زندگی کی وہ کتاب
جسکو تم نے جب سے لکھنا شروع کیا ہے
اس میں تمھارا ذکر ہی نہیں ہے
‘…
‘कितना स्पष्ट होता आगे बढ़ते जाने का मतलब
अगर दसों दिशाएँ हमारे सामने होतीं,
हमारे चारों ओर नहीं …’
‘मृदु मिटटी के हैं बने हुए / मधु घट फूटा ही करते हैं / लघु जीवन लेकर आए हैं / प्याले टूटा ही करते हैं’
Every year, 14 September is celebrated as National Hindi Day in India. Here are 5 must read Hindi poems to […]