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मैंने देखा एक बूँद
Agyeya हिन्दी

मैंने देखा एक बूँद

By Sachchidananda Hirananda Vatsyayan ‘Agyeya’ मैंने देखाएक बूँद सहसाउछली सागर के झाग सेरँगी गई क्षण भरढलते सूरज की आग से। मुझको दीख गया :सूने विराट् …

ग़लत को ग़लत क्या बता दिया
हिन्दी Poetry

ग़लत को ग़लत क्या बता दिया

By Aditi ग़लत को ग़लत क्या बता दियानजरों से सबकी उतर गए हम कल तक थे जो गहरे रिश्ते नातेआज हो गए हैं बेजान वो …