Posted onOctober 11, 2022October 11, 2022inहिन्दी, Poetry क़फ़स ‘जीवन तरस गया उजले उजाले देखने को / अफसोस क़फ़स में कोई खिड़की नहीं है
Posted onMarch 31, 2021August 29, 2022inहिन्दी, Poetry है हंसी झूठी मेरी By Anuradha Rani नज़रों को बयां करने नहीं देतीहै दर्द का समुंदर पर बहने नहीं देतीकट रही है ज़िंदगीसांसे भी […]