Posted onSeptember 19, 2022September 19, 2022inArticles, हिन्दी दो किनारे हम नदी के दो किनारे थे। जो कभी नहीं मिल सकते थे पर ये नदी समय से पहले ही कुछ दूर तक साथ चल कर ही सूख गई और पीछे छोड़ गई अपने बहाव के चंद अध-मिटे निशान।