By Aditi ग़लत को ग़लत क्या बता दियानजरों से सबकी उतर गए हम कल तक थे जो गहरे रिश्ते नातेआज हो गए हैं बेजान वो …
Aditi
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बाबा की बिटिया
By Aditi वो कोमल नन्ही कली बाबा के आंगन कीउसके नन्हे पांवों को बाबा होठों से चूमा करते थेकंधे पर बिठाकर उसको पूरा गांव घुमाया …

बेजान कमरा
By Aditi सिमट गई हैं यादें सारीदीवारों की तस्वीरों पर खाली कमरा बेजान-साबेरंग-सी उसकी दीवारें अरमानों से भरी कभीउस कमरे की दीवारें थीं तन्हाईयों का …