Posted onFebruary 25, 2021August 29, 2022inहिन्दी, Poetry पतझड़ का पीलापन By Rekha Khanna पीला रंग चढ़ा कर जोगी बन चला हूंँहरा था कभी अब मोक्ष के द्वार खड़ा हूंँ लहराता […]