By Rekha Khanna पीला रंग चढ़ा कर जोगी बन चला हूंँहरा था कभी अब मोक्ष के द्वार खड़ा हूंँ लहराता था शाख पर जवानी के …
पतझड़ का पीलापन
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By Rekha Khanna पीला रंग चढ़ा कर जोगी बन चला हूंँहरा था कभी अब मोक्ष के द्वार खड़ा हूंँ लहराता था शाख पर जवानी के …