जाने माने लेखकों द्वारा लिखे गए प्रेरणादायक अशआर

Best Motivational Shayari
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20+ बेहतरीन प्रेरणादायक शायरी

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया

मजरूह सुल्तानपुरी


वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा

साहिर लुधियानवी


कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं
नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है

अमीर मीनाई


Best Motivational Shayari
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न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा

राहत इंदौरी


धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो

निदा फ़ाज़ली


मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा
इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा

अमीर क़ज़लबाश


ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें

अहमद फ़राज़


हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें  वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं
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हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं

साहिर लुधियानवी


कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के ब’अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर

निदा फ़ाज़ली


बारे दुनिया में रहो ग़म-ज़दा या शाद रहो
ऐसा कुछ कर के चलो याँ कि बहुत याद रहो

मीर तक़ी मीर


अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला
जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा



महशर बदायुनी


रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है  सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है
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रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है
सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है

जलील ‘आली’


देख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार
रक़्स करना है तो फिर पाँव की ज़ंजीर न देख

मजरूह सुल्तानपुरी


इत्तिफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगह
ख़ुद बनाता है जहाँ में आदमी अपनी जगह

अनवर शऊर


चाहिए ख़ुद पे यक़ीन-ए-कामिल
हौसला किस का बढ़ाता है कोई

शकील बदायुनी


सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का  यही तो वक़्त है सूरज तिरे निकलने का
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सियाह रात नहीं लेती नाम ढलने का
यही तो वक़्त है सूरज तिरे निकलने का

शहरयार


ये और बात कि आँधी हमारे बस में नहीं
मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है

अज़हर इनायती


पैदा वो बात कर कि तुझे रोएँ दूसरे
रोना ख़ुद अपने हाल पे ये ज़ार ज़ार क्या

अज़ीज़ लखनवी


ऐ मौज-ए-बला उन को भी ज़रा दो चार थपेड़े हल्के से
कुछ लोग अभी तक साहिल से तूफ़ाँ का नज़ारा करते हैं

मुईन अहसन जज़्बी


हाँ समुंदर में उतर लेकिन उभरने की भी सोच  डूबने से पहले गहराई का अंदाज़ा लगा
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हाँ समुंदर में उतर लेकिन उभरने की भी सोच
डूबने से पहले गहराई का अंदाज़ा लगा

अर्श सिद्दीक़ी


शम्अ माशूक़ों को सिखलाती है तर्ज़-ए-आशिक़ी
जल के परवाने से पहले बुझ के परवाने के बाद

जलील मानिकपूरी


सारे पत्थर नहीं होते हैं मलामत का निशाँ
वो भी पत्थर है जो मंज़िल का निशाँ देता है

परवेज़ अख़्तर


रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़
कम से कम रात का नुक़सान बहुत करता है

इरफ़ान सिद्दीक़ी


काँटे बोने वाले सच-मुच तू भी कितना भोला है  जैसे राही रुक जाएँगे तेरे काँटे बोने से
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काँटे बोने वाले सच-मुच तू भी कितना भोला है
जैसे राही रुक जाएँगे तेरे काँटे बोने से

मुज़फ़्फ़र हनफ़ी

20+ बेहतरीन प्रेरणादायक शायरी


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